अक्सर पुरुष वीर्य जल्द स्खलन (Early Discharge) का कारण खोजता रहता है लेकिन वह इसकी वास्तविकता को जानना नहीं चाहता। अक्सर शीघ्रपतन की शिकायत पुरुष की मानसिकता या उसकी आदत से जुडी होती है। असल में सहवास के समय स्त्री को चरमसुख प्राप्त होने से पहले वीर्य स्खलन (Semen Discharge) हो जाने को शीघ्रपतन कहा जाता है। यदि सहवास के दौरान स्त्री चरमसुख तक पहुंच जाती है और उस समय तक पुरुष का वीर्य स्खलन नहीं होता है तो ऐसे पुरुष को अपने आपको शीघ्रपतन का रोगी नहीं समझना चाहिए। कहने का तात्पर्य यह है कि पुरुष की स्तंभन शक्ति का काल थोड़ा हो या ज्यादा यह उतना महत्वपूर्ण नहीं होता बल्कि पुरुष द्वारा स्त्री को चरमसुख प्राप्त कराना महत्वपूर्ण होता है। स्त्री से सिर्फ कामुक बातचीत करने या सहवास शुरू करने से पहले की जाने वाली क्रिया अथवा सहवास शुरू करते ही स्खलित हो जाने वाले पुरुषों को हम स्पष्ट रूप से शीघ्रपतन का रोगी कह सकते हैं।
शीघ्रपतन के कारण
व्यक्ति की मनोवृति या आदत – पुरुष का अचार विचार जैसा होगा वैसा ही प्रभाव उसके अंतर्मन पर पड़ता है। पुरुष कामुक, उतावला, जल्दबाज या फिर धैर्यहीन प्रवर्ति का होता है वह अनावश्यक रूप से कमोतेजित हो जाता है तथा अपनी कामोत्तेजना को जल्दी से जल्दी शांत करने की कोशिश करता है। यही जल्दबाजी उसे शीघ्र स्खलित करा देती है।
शरीर से सम्बंधित रोग – यदि शरीर थका हुआ है, कमजोर है या किसी रोग से ग्रस्त है तो व्यक्ति शीघ्रपतन का रोगी हो सकता है। इसके अलावा स्नायुविक संस्थान कमजोर है या फिर तामसिक पदार्थों का अधिक सेवन करने वाला शीघ्रपतन का रोगी हो सकता है।
आत्मविश्वास की कमी – व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो तो उसके मन में यही चिंता बानी रहती है कि कहीं वीर्यपात जल्दी न हो जाए। ऐसी हीनभावना रखने वाले व्यक्तियों को प्राय वीर्यपात जल्दी होता है।
शीघ्रपतन से बचने के उपाय
हमें सबसे पहले इसका कारण जानकर उस कारण से बचना चाहिए
प्रातः उठकर व रात को खाना खाने के बाद आधा घंटा घूमना चाहिए।
अपनी मानसिकता को बदलें और डर घबराहट दूर करें।
ऐसी स्थिति में किसी अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट से सलाह मशवरा करें