टेस्टोस्टेरोन के बिना जीवन क्यों अधूरा है? ( Testosterone Effect on Life)


पुरुषों में सेक्स इच्छा एवं सेक्स क्षमता का सीधा संबंध उनके शरीर में उत्पन्न होने वाले मेल हार्मोन्स टेस्टोस्टेरॉन (male hormone Testosterone) से होता है। ये हार्मोन्स सीधे ही उन्हें सेक्स संबंधों के लिए उकसाता है। इस हार्मोन्स की सक्रियता आमतौर पर 14-15 साल की उम्र से ही शुरू हो जाती है। चूंकि वीर्य भी इसी की सहायता से तथा अंडकोषों (Testicles) में स्पर्म (Sperms) भी इसी के द्वारा तैयार होते हैं। अतः इसकी मात्रा व क़्वालिटी भी हार्मोन्स द्वारा ही निर्धारित होती है।

कुछ लोगों में अक्सर यह शिकायत होती है कि जब वे संबंध बनाते हैं, तो उनका सीमन डिस्चार्ज बहुत कम मात्रा में होता है या पानी की तरह पतला होता है जिससे उन्हें सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन नहीं मिलता। कुछ लोगों में इसी दोष के कारण उनके सीमन में शुक्राणुओं की मात्रा बहुत कम रह जाती है, फलस्वरूप वे संतानहीन बने रहते हैं। इतना ही नहीं इस हार्मोन्स के असंतुलन से सेक्स में ठंडापन एवं उत्तेजना की कमी का भी अनुभव होता है। जब भी किसी व्यक्ति के रक्त में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन्स का स्तर किसी कारण से घटने लगता है तो उसे सेक्स की कमजोरी, वीर्य एवं संतान से सम्बंधित समस्याओं का सामना करना ही पड़ता है। शरीर में इस हार्मोन्स के स्तर में कमी के कई कारण हो सकते हैं जैसे प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) में कोई विकार (disease) बन जाना तथा शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी हो जाना आदि। इसके अलावा, कुछ मनोवैज्ञानिक कारण भी इसके स्तर में कमी ला देते हैं जैसे कुछ व्यक्ति किन्ही पारिवारिक या आर्थिक कारणों से बेहद निराशा भरी जिंदगी व्यतीत करते हैं। उनमें भी टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन्स का स्तर घटता चला जाता है, जिससे उनकी सेक्स लाइफ पर भी असर पड़ता है।

यदि आप भी इस तरह की समस्याओं के कारण सेक्स के वास्तविक आनंद से विमुख हो चुके हैं तो निराश न हों, आज ही पीतमपुरा दिल्ली में स्थित अशोक क्लिनिक से संपर्क करें।

× How can I help you?