जरा सोचिये, किसी युवक ने अपनी जीविकापार्जन के लिए नए काम धंधे या नौकरी की शुरुआत ही हो और उसके माता-पिता उस युवक की शादी की बात चला रहे हों, लेकिन वह युवक किसी भी कारण से अपनी यौन क्षमता खो चुका हो तो उसके वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों व् निराशाजनक स्थितियों की केवल कल्पना ही की जा सकती है।
ऐसा युवक गहरे अवसाद में डूब जाता है तथा इसी उधेड़बुन में फंसा रहकर यही सोचता रहता है कि वह माता-पिता से क्या और कैसे कहे या फिर नाते-रिश्तेदारों व मित्रों को कैसे समझाए। आजकल यही मनोदशा है अधिकतर यौन क्षमता से कमजोर अविवाहितों की। विवाह करने जा रहे युवकों में अक्सर अपनी यौन संबंधी किसी भी समस्या के कारण अपने वैवाहिक भविष्य की चिंता को लेकर एक अंतर्द्वंद्व शुरू हो जाता है जिससे उनके मन में यही एक ख्याल आता है की क्या होगा नूके वैवाहिक जीवन का भविष्य ?
यदि वे घर वालों की इच्छा टाक पर रखकर शादी नहीं करते तो भी लोग उन्हें शक की निगाह से देखेंगे। ऐसे तमाम सवालों से वे दिन-रात परेशान रहने लगते हैं जबकि अधिकांश मामलों में युवकों में इस तरह की चिंता व डर निराधार होता है कि उन्होंने शादी से पहले ही किसी-न-किसी माध्यम से अपनी यौन क्षमता को बर्बाद कर लिया है और अब वे शादी करने योग्य नहीं रहे।
बस यही सोच उनकी वास्तविक यौन क्षमता को पंगु बना देती है। ऐसी स्थिति में युवकों को चाहिए कि वे अपनी इस कमजोरी को गोपनीय न रखते हुए किसी क्वालिफाइड सेक्स थैरेपिस्ट से निःसंकोच मिलें और अपनी यौन संबंधी क्रिया-कलापों की वैज्ञानिक जांच करा लें, ताकि उनके मन का मिथ्या या वास्तविक भ्रम दूर हो सके, जिससे वे निश्चित तौर पर शारीरिक व मानसिक दृष्टि से भरपूर यौन क्षमता प्राप्त करके अपना विवाहित जीवन पूरे जोश, उत्साह व आनंद के साथ बिता सकें।