शुक्राणु की कमी कैसे दूर करें? (How to improve sperm quality)

जिन स्त्री-पुरुषों की शादी होने के कई साल बाद भी शुक्राणु की कमी (low sperm count) की वजह से संतान पैदा नहीं होती तो उन्हें अपने विवाहित जिंदगी एक अभिशाप सी लगने लगती है तथा उन्हें हर समय यही चिंता सताती है कि कौन उनका नाम आगे चलाएगा।  कुल मिलाकर संतानहीन स्त्री-पुरुषों को जिंदगी बोझ एवं घर सूना लगने लगता है, जिससे उनकी बुद्धि भी ठीक तरह से काम नहीं करती है, क्योंकि संतान का न होना एक ऐसा आत्मिक दर्द होता है जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है।  निसंतान दम्पति (Childless couple) से जब कोई मित्र या नजदीकी संतान के बारे में पूछता है तो उन्हें ऐसा लगता है कि ये लोग उनसे हमदर्दी नहीं रखते, बल्कि संतान न होने के दुःख का मजाक उड़ा रहे हैं। 

आज विज्ञानं का जमाना है और यह बात भी हर स्त्री-पुरुष जानन्ते हैं कि संतान का जन्म पुरुष के शुक्राणु (स्पर्म) से परिपूर्ण निर्दोष वीर्य तथा स्त्री के गर्भाशय से हर महीने विकसित होने वाले अंडे से मिलने पर ही होता है।  जिसके लिए पुरुष का वीर्य शक्ति एवं स्त्री की प्रजनन क्षमता दोष रहित होना जरुरी होता है जो उचित इलाज से ही ठीक होती है।  

संतानहीनता के मामलों में अधिकतर दोष पुरुषों में पाया जाता है। जिससे वे अपनी पत्नी को गर्भवती बनाने में असमर्थ रहते हैं। कुछ पुरुषों के शुक्राणु गतिहीन या मृत होते हैं तो कुछ के बेहद कमजोर व कम होते हैं जो संभोग (intercourse) के बाद स्खलित होने पर स्त्री के गर्भाशय में बनाने वाले अंडे तक नहीं पहुँच पाते फलस्वरूप ऐसे पुरुषों को संतान प्राप्ति नहीं हो पाती। 

पुरुषों की ये वीर्य दोष व शुक्राणुओं से संबंधित कमजोरियां सही सटीक वीर्य पोषक गुणकारी नुस्खों से बने उचित इलाज द्वार पूरी तरह से ठीक हो जाती है। 

हमने अपने आजमाए हुए शत प्रतिशत लाभकारी नुस्खों वाले प्रमाणित इलाज से अनगिनत दुखी व निराश संतानहीन दम्पतियों को संतान सुख प्राप्त करा उन्हें संतानहीनता के अभिशाप से मुक्त कराया है। यदि कोई संतानहीन दुखी भाई अपने वीर्य दोष व शुक्राणुओं की कमजोरी के कारण शादी के कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी संतानहीन बने हुए हैं तो वे बिना किसी देरी व संकोच हमसे क्लिनिक में आकर मिलें। 

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